जो कोई गम सताए तो मदिना याद करलेना
न दिल को चैन आये तो मदिना याद करलेना
सहारा बेसहारो का मदावा गम के मारो का
न कोई काम आए तो मदिना याद करलेना
उमूमन ज़िन्दगी में दुख के दिन भी आ ही जाते है
कभी लम्हे ये आये तो मदिना याद करलेना
सुना है मुश्किलो में साथ कोई भी नही
चलता ज़माना छोड़ जाए तो मदिना यादकर लेना
कभी अश्को की बोली भी खमोशी में बदल जाये
और दिल आंसू बहाये तो मदिना याद करलेना
हवाएं भी मुखालिफ हो हो दरिया में भी
तुग़लानी और कश्ती डूब जाए तो मदिना याद करलेना
कभी जो सास बिखरी हो कभी धड़कन जो उलझी हो
न दिल भी जो संभल पाए मदिना याद करलेना
मुसीबत में तो हर कोई उन्ही को याद करता है
खुशी अहमद जो आये तो मदिना याद करलेना
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